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12 December 2018

दीदी के साथ सुहागरात


*चेतावनी*

यह कहानी लेखक की कल्पना मात्र पर आधारित है व इस कहानी का किसी भी मृत या जीवित व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। अगर ऐसा होता है तो यह केवल संयोग मात्र होगा।

*दीदी के साथ सुहागरात*

दोस्तो, मेरा नाम समीर है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ,
मेरे घर के पास ही मेरी दीदी रहती हैं। उनकी शादी को 8 साल हो गए और 5 साल पहले ही जीजा जी की मौत हो गई। अब दीदी अकेले रहती थीं। जीजा जी के गुजरने के बाद सबके कहने पर वो मेरे साथ मेरे फ्लैट में आ गईं। मैंने उनकी नौकरी अपनी ही कंपनी में लगवा दी। हम दोनों ही सुबह ऑफिस को निकल जाते और शाम को आते।
उनका नाम चांदनी था, वो 30 साल की थीं, उनका कद 5 फ़ुट 4 इंच, उनका फिगर 37-30-38 का होगा। वो बड़ी ही सेक्सी थीं !
अब मैं कहानी पर आता हूँ। रात को घर में सिर्फ हम दोनों ही होते थे। जब भी हम साथ में खाना खाता, मैं बस उनके मम्मों को ही देखता रहता था, पर दीदी को शक नहीं होता था। एक दिन मेरे दिमाग में एक आईडिया आया। मैंने कुछ ब्लू-फिल्म की सीडी टीवी पर रख दीं और ऑफिस चला गया। शाम को मैं घर आया और तैयार होने लगा।
तो चारू दीदी बोलीं- समीर, तुम्हारी कोई गर्ल-फ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं।
तो वो बोलीं- यह सीडी तुम्हारी हैं, यह मूवी तुम देखते हो?
मैंने नाटक करते हुए कहा- हाँ..! पर आपको यह कहाँ मिल गईं?
उसने फिर पूछा- उसके बाद तुम्हारा मन नहीं करता कुछ करने को?
मैंने कहा- करता तो बहुत है, पर कर भी क्या सकता हूँ?
इस पर वो बोलीं- फिर तुम क्या करते हो?
मैंने शर्म के मारे अपना सर झुका लिया तो वो बोलीं- शरमाओ नहीं, क्या हाथ से हिलाते हो?
मैंने कहा- हाँ…!
“अगर तुम्हें जरूरत हो तो मेरे पास आ जाना, मैं तुम्हारी मदद कर दूँगी। वैसे भी अब हम दोस्त हैं।”
तब मैंने पूछा- दीदी, आप मेरी मदद कैसे कर सकती हो?
वो बोलीं- कैसी मदद चाहते हो?
मैंने कहा- दीदी, मैंने आज तक किसी भी औरत या लड़की को असल में नंगी नहीं देखा है। क्या मैं आपको देख सकता हूँ?
उसने कहा- जरूर !
और खड़ी हो गई, बोलीं- लो, तुम खुद देख लो जैसे देखना हो।

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उन्होंने खुद ही मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूची पर रख दिया और बोलीं- यह पसंद है? लो दबाओ और मज़ा लो।
मैं उनकी चूचियों को दबाने लगा। बड़ी टाइट और मस्त चूचियाँ थी। मजा आ गया था। फिर मैंने उनकी नाइटी उठाई और उनकी चिकनी टांगों को सहलाने लगा तो वो मेरे करीब आ गई और जींस के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगीं। वो इतनी गरम हो गईं कि उन्होंने खुद ही अपना गाउन उतार दिया। मैं उनको पैर से लेकर सर तक चूमता रहा।
फिर मैंने उनकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी। पूरे बदन में एक भी दाग नहीं था। मैं उन्हें देख कर पागल हो गया था। उन्हें उनके बेडरूम में ले गया और उनको बिस्तर पर पटक दिया। उनको चूमने और चाटने लगा।
मैं उनकी चूत को चाटने लगा तो उन्होंने मुझे अपने पैरों से दबा लिया। बोलने लगीं, “चाटो मेरे राजा.., मैं बहुत प्यासी हूँ.. मेरी प्यास बुझा दो !
पाँच मिनट में ही वो मेरे मुँह में झड़ गईं और मैं उनके चूत के रस को चाट गया। फिर उन्होंने उठ कर मेरे सारे कपड़े उतार दिए।
मेरा लंड देख कर वो घबरा गईं और बोलीं- यह तो बहुत बड़ा है..!
मेरा लंड 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है। वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चाटने लगीं।
कुछ देर बाद मैंने कहा- चांदनी दीदी, मेरा होने वाला है !
तो उन्होंने कहा- मेरे मुँह में झड़ो ! मैं भी तुम्हारा पीना चाहती हूँ ! मैं उनके मुँह में झड़ गया।
वो मेरा लंड लगातार चूस रही थी, जब तक मेरा लंड दोबारा खड़ा नहीं हो गया। उसके बाद वो बेड पर चित्त लेट गईं और मुझे अपने ऊपर ले लिया और मेरे लंड को अपनी चूत में रगड़ने लगीं।
मैंने पूछा- दीदी ! क्या मैं आपको चोद सकता हूँ?
वो बोलीं- और नहीं तो क्या तेरा लौड़ा मैं अपनी चूत पर इसी लिए तो घिस रही हूँ.. बहनचोद चोद मुझे.. !
मैंने कहा- क्या आपको गन्दी बात करना पसंद है?
तो वो बोलीं- इसी में तो असली चुदाई का मजा है। खूब गालियाँ देकर मुझे चोद और अपनी रखैल बना ले मुझे।
फिर मैंने उनकी टाँगें फैलाईं और अपना लौड़ा उनकी चूत में डालने लगा। अभी 3 इंच लंड ही अन्दर गया था कि दीदी चिल्लाने लगीं, “अरे भोसड़ी के ! फ्री की चूत समझ कर फाड़ने लग गया। अरे मादरचोद.. ! आराम से चोद.., मैं कोई भागे थोड़ी जा रही हूँ..हरामी..! मेरी चूत फट रही है.. अपना लौड़ा निकाल बहन के लौड़े…, मुझे नहीं चुदवाना तेरे से ! साले लौड़ा है कि मूसल …! आआआई .. मर गई ..!
पर मैंने उनकी एक न सुनी और एक तेज़ धक्का मारा और अपना पूरा लंड उनकी चूत में पेल दिया और उनकी चूची के रस को पीने लगा।
मैंने अपना लंड थोड़ा निकाला और एक बार फिर से पूरा लंड उनकी चूत में पेल दिया और उन्हें जम कर चोदने लगा और वो भी बहुत बड़ी चुद्दकड़ थी। अपने चूतड़ों को खूब उछाल कर चुदवा रही थी और साथ में गालियाँ दे रही थी, और जोर से चोदने को कह रही थी।
मैंने उन्हें चालीस मिनट तक खूब जम कर चोदा और वो लगातार, “अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और पेलो.. फाड़ दो मेरी चूत को… चिथड़े उड़ा दो.. आज इस निगोड़ी के.. !”
अब मैं झड़ने वाला था तो मैंने कहा- दीदी मैं झड़ने वाला हूँ।
वो बोलीं- मेरी चूत में झड़ो, मुझे तुमसे बच्चा पैदा करना है।
और मैं उन्हें चोदते-चोदते उनकी चूत में ही झड़ गया और उन्हीं के ऊपर लेट कर उनको चूमने लगा।
दोस्तो, अब मैं रोज दीदी को चोदता हूँ.. अब वो मेरी रखैल हैं और अब वो मेरे बच्चे की माँ भी बनने वाली हैं। वो अब मुझसे काफी खुश भी हैं और मुझे ही अपना सब कुछ मानती हैं…।

The End

28 July 2018

भाई की भूख और मेरी चूत की प्यास (मुझे मिला मेरे भाई का नया लंड Part-2


*​आज की कहानी:- भाई की भूख और मेरी चूत की प्यास (मुझे मिला मेरे भाई का नया लंड Part-2)*

*केटेगरी:- भाई-बहन*

*मुझे मिला मेरे भाई का नया लंड Part-2*

*चेतावनी*

यह कहानी लेखक की कल्पना मात्र पर आधारित है व इस कहानी का किसी भी मृत या जीवित व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। अगर ऐसा होता है तो यह केवल संयोग मात्र होगा।

मैं थोड़ी देर बेड पर लेटी रही तो अजय मेरे लिये जूस बना कर ले आया जिसे हम दोनों ने साथ में पिया।
फिर भाई ने बोला- दीदी, भूख लग रही है।
तो मैं किचन में खाना बनाने के लिये चली गयी और अजय बेड पर लेट गया।

मैं खाना बनाते हुए सोच रही थी कि कैसे मेरे भाई ने मेरी चूत को चोद दिया और अब आगे कैसे कैसे चोदेगा। अब तो हर रात मेरा भाई मेरी चूत मारेगा… या फिर मैं खुद ही उसके लंड से दूर नहीं रह पाऊंगी। कैसे मैं बॉस को बुलाऊंगी फ्लैट पर? और अब नया लंड कैसे मिलेगा मुझे?
सोचते सोचते खाना भी रेडी हो गया।
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तो मैं अजय को खिलाने के लिये अपने बेडरूम में गयी तो देखा मेरा भाई नंगा होकर सोया हुआ है और उसकी चड्डी साइड में रखी हुई है और वो अपने दोनों पैर खोलकर अपने लंड को हवा लगवा रहा है।
उसका सोया हुआ लंड भी बहुत प्यारा लग रहा था.

5 इंच का सोया हुआ लंड देख कर मेरे मुँह में पानी आने लगा, मैंने अजय के लंड को पकड़ लिया और उसे ध्यान से देखने लगी, उसे सूँघने लगी। अजय के लंड से उसके सुसु और मेरे चूत के पानी की महक आ रही थी जो मुझे और मदहोश कर रही थी।

मेरी चूत टाइट हो गयी और अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हुआ, मैं अपनी नाईटी निकाल कर नंगी हो गई और 69 की अवस्था में अपने भाई के मुँह पर चूत रख कर लेट गयी और अब जीभ निकाल कर अपने भाई का लंड चाटने लगी।
फिर भाई के लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगी।

जब मेरे भाई को महसूस हुआ कि उसकी बहन उसका लंड चूस रही है तो वो जग गया और सामने मेरी नंगी चूत देखा। फिर अजय ने मेरे सिर पर एक हाथ रख दिया और मेरी नंगी पीठ, मेरी नंगी चुचियों और मेरी नंगी कमर को सहलाते हुए मेरे चूतड़ों पर ले आया।

अब अजय ने मेरे चूतड़ों को फैला दिया और मेरी गांड के छेद को सहलाने लगा। तो मैं खुद अपनी टाँगों को फैला कर अपनी चूत और गांड का छेद अपने भाई को दिखाने लगी। मैं पूरा मन लगा कर अजय का लंड चूस रही थी जो अब 8 इंच का हो चुका था।

अजय मेरी गांड को अपनी उंगली से सहला रहा था। फिर मेरी चूत पर नाक रख कर सूँघने लगा जिससे उसकी गर्म सांसें मेरी चूत को और गर्म करने लगी।

मैंने अजय के लंड मुँह से बाहर निकाल कर एक लम्बी आह भरी और तुरन्त अजय ने मेरी चूत को फैला कर उसमें जीभ घुसा दी।
मैं आअह्ह आअह्ह आहह करते हुए अपनी चूत चटवा रही थी।

मैंने देखा कि अजय का लंड बिल्कुल टाइट खड़ा है और मुझे भूखी नजरों से देख रहा है और मेरा भाई मेरी चूत को आंखें बंद करके चाट रहा है।
मैं- आहह आहह अजय… मेरी चूत में जीभ डाल कर चोद दो।
अजय- दी, आप मेरा लंड मुँह में ले लो, नहीं तो आपकी चीख निकल जायेगी।

जैसे ही मैंने अजय का लंड होंठों पर लगाया, अजय ने कमर उछाल कर मेरे गले तक अपना लंड ठूस दिया और मुझे घुमा कर अपने नीचे लिटा लिया।
अब मैं अपने भाई का लंड मुँह में लिये बेड पर लेटी हुई थी और मेरा भाई 69 की अवस्था में मेरी चूत में जीभ डाल कर चोद रहा था, अब मैं नीचे खुद की चूत और मुँह को चुदवा रही थी।

मैं समझ गयी अब अजय जवान हो गया है इसे कुछ भी समझाने की जरूरत नहीं है, ये अब मुझे अच्छे से चोदेगा।
अजय ने मेरी टांगों को और उठा लिया जिससे मेरी गांड उसके मुंह के पास आ गयी।
अब अजय मेरी गांड को सूंघने लगा और अपनी उंगलियों से फैला कर चाटने लगा, साथ में कमर उछाल उछाल कर मेरे मुँह में लंड से चोद रहा था।

अजय की जीभ मेरी गांड को गीला कर रही थी और मेरे जिस्म में सिहरन भर रही थी। मुझे अपनी गांड में अजय की जीभ बहुत अच्छी लग रही थी।
मैं गुं गुं गुं करते हुए अपना मुँह चुदवा रही थी और कमर उछाल उछाल कर भाई के मुँह में अपनी गांड दे रही थी।

अब अजय मेरे ऊपर से हट गया और बेडरूम से बाहर जाने लगा।
मैं हैरान होकर चुदास में बोली- कहाँ जा रहे हो भाई? रुको अजय, प्लीज मुझे चोदो! अजय प्लीज मुझे चोद दो! ऐसे मत तड़पाओ!
अजय मुस्कुरा कर बोला- दीदी, भूख लगी है, आओ बाहर आप लंड खा लेना, मैं खाना खा लूँगा।

मैं खाना लेकर हाल में गयी तो देखा अजय सोफे पर बैठा हुआ है बिल्कुल नंगा और उसका लंड खड़ा होकर मुझे बुला रहा है।
अजय अपने लंड से- देखो लंड बेटा, प्यासी चूत आ रही है।
मैं मुस्कुराते हुए गांड मटकाती हुई चल रही थी बिल्कुल नंगी होकर एक रन्डी की तरह और मेरा यार भाई अपना लंड हिलाते हुए इस रन्डी की चूत को बुला रहा था।

मैं प्लेट को टेबल पर रख कर अजय के पास गयी और अपना एक पैर सोफे पर रख कर अजय के बालों को पकड़ लिया- बहुत भूख लगी है तुझे?
अजय- हां दीदी, और मेरे लंड को आपके चूत की भूख है।
मैंने अजय के बालों को खींच कर उसका मुंह अपनी चूत पर रख लिया और बोला- पहले मेरी चूत से अपनी भूख मिटा ले, फिर लंड की सारी भूख मैं मिटा दूंगी।

अजय ने फिर से मेरी चूत में जीभ घुसा दी और चाटने लगा।
मैं- आअह्ह आहहह आहह… जोर से चाट मेरी चूत को! बहुत प्यासी है मेरी चूत! उम्म्ह… अहह… हय… याह… जोर से चाटो, और जोर से, अपनी जीभ घुसा कर चोद दे मेरी चूत।

अब अजय ने मेरे चूतड़ों को फैला कर उसमें उंगलियाँ घुसा दी और उंगली से मेरी गांड मारने लगा।
मैंने एक टांग सोफे पर रखी थी इसलिये अपना बैलेंस खोने लगी और अजय के ऊपर गिरने लगी।
मैं अजय के ऊपर गिरते हुए- आआह्ह आहह जोर से मेरे राजा… सम्हाल ले मुझे!

अजय ने मेरी एक चुची को मुँह में ले लिया और मुझे सोफे पर पटक दिया और मेरी टांगों को फैला कर एक झटके में लंड मेरी चूत में पेल दिया।
मैं- आअह्ह्ह मर गई मेरे राजा, आराम से चोदो, तुम्हारी बहन हूँ, कोई रन्डी नहीं हूँ।

अजय ने लंड को बाहर खींचा और मेरी चुचियों को जोर से दबा कर लंड दुबारा से ठूँस दिया और बोला- दीदी, कोई रन्डी भी आपके जैसी सेक्सी नहीं हो सकती।
मुझे अजय के मुंह से अपनी तारीफ सुन कर अच्छा लगा और मैंने उसके गले में बाहें डाल दी और अजय को अपनी चूत चोदते हुए देखने लगी।

मैं- आहह आहह जोर से चोद मेरे भाई।
अजय- लो दीदी, मेरा लंड आपकी चूत फ़ाड़ रहा है।
मैं बहुत प्यार से अपने भाई के लंड से चुद रही थी और मेरा भाई मेरी चुचियों को मुँह में लेकर चूसते हुए अपनी बहन को चोद रहा था।

मैं- अजय कोई रन्डी होती तेरे नीचे तो ऐसे ही चोदता क्या उसको?
अजय- नहीं दीदी।
मैं- फिर कैसे चोदता किसी रन्डी को?
अजय मेरी चूत को चोदते हुए बोला- दीदी रन्डी तो मेरे लंड की प्यास बुझाने के लिये आती ना।

मैंने टांगों को उपर उठा लिया और अजय की कमर में लपेट लिया जिससे मेरे भाई का लंड और अन्दर तक घुस जाये।
मैं- अपनी बहन को चोद कर प्यास नहीं मिट रही है तेरे लंड की?
अजय- दीदी रन्डी होती तो उसको मारता उसके चुचे जोर से काट लेता। उसकी गांड मारता और उसको गालियाँ दे देकर जंगली की तरह चोदता।
मैं- कैसी गाली देता उसको?

अजय ने एक जोर का शॉट मेरी चूत में मार कर बोला- माँ बहन की देता और रन्डी बोलता।
मैं- ऐसे नहीं, मुझे देकर बताओ।
अजय मेरी चूत में लंड डाल कर रुक गया और बोला- पर आप मेरी दीदी हो।
मैं- मुझे पता है… पर मैं देखना चाहती हूँ क्या क्या गाली देते हैं और उससे क्या मजा आता है।

अजय ने लंड को पीछे खींचा और मेरे चुचों को दबा कर पकड़ लिया, एक जोर का शॉट मेरी चूत में मारते हुए बोला- ले रन्डी मेरा लंड अब तेरा भोसड़ा बना देगा।
मैं अजय की गाली सुनकर और भी ज्यादा उत्तेजित हो गयी और बोलने लगी- आआह्ह आहह आहह मेरी चूत फ़ाड़ दे मेरे राजा। अपने रन्डी बहन की चूत का भोसड़ा बना दे अपने लंड से।
अजय- हां रन्डी, मेरा लंड तेरी चूत का भोसड़ा बना देगा। ले मादरचोद लंड ले चूत में।

अजय ने मेरे चुचियों को कस कर दबा दिया और जोर जोर से मुझे चोदने लगा। मुझे ऐसे चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था।
मैं- आहह आह… जोर से चोद अपनी रन्डी को… और जोर से, पूरी ताकत से लंड घुसा दे मेरे भोसड़े में। आह आह आहह!
अजय- तेरी चूत मस्त है रन्डी, तू बहुत मस्त रन्डी है।
मैं- आहह इस रन्डी की प्यास बुझा दे राजा!
अजय- ले मादरचोद मेरी रखैल बनेगी तू… और जोर से ले लंड अपनी चूत में।

मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं टांगों को हवा में उठा कर लंड को अपनी चूत में घुसवा रही थी। अब मैंने अजय को कस कर पकड़ लिया और उसके कान को मुंह में लेकर चूसने लगी, बोलने लगी- जोर जोर से चोद मेरे राजा, और जोर से… मैं आ रही हूँ। मुझे आज रन्डी बना दे। आह आह फ़ाड़ दे मेरा भोसड़ा। आअह्ह्ह मैं गयी।

मैं अब झड़ गयी थी जिससे मुझे चूत में फील होने लगा।
अजय- और तेज ले रन्डी! मेरा निकलने वाला है, चूत भर दूँ तेरी?
मैं- मुँह में गिराना मेरे।

अब अजय खड़ा हो गया और मैं बैठ कर अजय का लंड मुँह में ले लिया, अजय ने मेरे सिर को पकड़ लिया और अपने लंड का पानी मेरे मुँह में गिराने लगा।
मैं अपने भाई के लंड का पूरा पानी पी गयी और फिर लंड को चाट कर साफ कर दिया।

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अब वो सोफे पर बैठ गया नंगा ही… और मैं उसके गोद में नंगी ही बैठ गयी।
अजय ने अपने एक हाथ को मेरी कमर में लपेट लिया और दूसरे हाथ को मेरी चूत पर रख कर सहलाने लगा। मैं अजय को अपने हाथ से खाना खिला रही थी और खुद भी खा रही थी।

मैं किचन में प्लेट रख कर बेडरूम में गई जहाँ अजय पहले ही आ गया था। मैं अजय की बांहों में नंगी ही लेट गयी और उसके होंठों को अपने होंठों में दबा कर सो गयी।
हम दोनों 2 घन्टे तक सोते रहे।

फिर फूफा जी का फ़ोन आया तो हमारी नीन्द खुली, पता चला कि फूफा जी की माता जी बीमार हैं तो अजय को जल्दी घर जाना होगा।
मैं उदास हो गयी यह सुनकर की अजय एक सप्ताह के लिये घर जायेगा।

अजय- क्या हुआ दी, आप उदास क्यों हो गयी?
मैं- तुम जाओगे तो मैं अकेले कैसे रहूंगी इतने दिन?
अजय- दी, बस एक सप्ताह की ही तो बात है।

मैं और अजय दोनों नंगे थे, मैं अजय से चिपक कर रोने लगी, अजय ने मुझे चुप कराया फिर मेरे होंठों को चूम कर बोला- आप और मैं दोनों प्यासे हो जायेंगे दीदी। फिर जब मिलेंगे तो एक दूसरे की प्यास मिटाएंगे।
अजय- दीदी, मेरा भी तो मन नहीं कर रहा है पर जरूरी है जाना।

मैंने अजय के लंड को पकड़ लिया और बोली- इसको यहीं पर रहने दे।
अजय ने अपना लंड मेरे होंठों पर लगा दिया और मेरे मुँह में लंड डाल कर खडा हो गया- दीदी, मेरा लंड भी हर वक्त आपके मुँह में रहना चाहता है, आपका मुँह तो मेरे लंड का घर है।
मैं अब अजय के लंड को चूतस रही थी।

अजय का लंड बहुत टाइट हो गया और मेरे गले में घुसने लगा। अजय ने मेरे सर को पकड़ लिया और जोर जोर से मेरे मुँह को चोदने लगा। फिर मैं थोड़ी देर लंड चूसने के बाद उठ कर दूसरे कमरे में चली गयी।
अजय मेरे पीछे पीछे आया और मुझे उठा कर अपने गोद में ले लिया और मैंने अपनी दोनों टांगें अजय के कमर में लपेट दी।

अब अजय ने अपने लंड को पकड कर मेरी चूत पर लगा दिया। मैं अजय को देख रही थी… अजय मुझको।
मैं- मत चोदो मुझे… वर्ना तुम्हारे लंड की आदत पड़ जायेगी।
अजय- दी, क्या आपको मेरे लंड से प्यार नहीं है?

मैं अपनी कमर नीचे करते हुए अजय का लंड चूत में डलवाने लगी और आंखें बंद करके बोली- इसके लिये तो मैं कुछ भी कर सकती हूँ।
अजय ने नीचे से तेज धक्का मारा जिससे उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया और मेरी चीख निकल गयी.

अजय- प्यार है तो मेरे लंड को अपने चूत में खा जाओ दीदी।
मैंने अजय के मुँह को अपने मुँह में ले लिया और उछल उछल कर चूत चुदवाने लगी- आअह्ह्ह आअह्ह्ह जोर से चोद मुझे। मैं इतने दिन कैसे बिना चुदे रह पाऊंगी?
अजय- ले मेरी जान, मेरा लंड तेरी चूत में इतने दिन तक फील होगा।

अजय जोर जोर से शॉट मार रहा था और मुझे जोर जोर से चोद रहा था।
अब अजय ने मुझे नीचे उतार दिया जिससे मैं बेड पर हाथ रख कर झुक गयी और अजय ने मेरी नंगी कमर को पकड़ कर अपना लंड एक ही झटके में मेरी चूत में पेल दिया।
मैं- आअह्ह्ह्ह आह्ह्ह जोर से भाई… और जोर से। मेरी चुचियों को दबा दबा कर चोद।

अजय ने एक हाथ से मेरी एक चुची को पकड़ लिया और दूसरे से मेरे बालों को पकड़ कर ऐसे चोदने लगा जैसे घोड़े की सवारी कर रहा हो।
मुझे अच्छा लग रहा था कि मेरा भाई मुझे घोड़ी बना कर चोद रहा है। मैं आहह आहह सी सी करके चुदवा थी थी।

फिर अजय ने मेरे चुची को छोड़ दिया और अपने हाथ से मेरी गांड का छेद सहलाने लगा।
अजय- दीदी आपकी गांड बहुत प्यारी है।
मैं- क्या प्यारा है मेरी गांड मे?
अजय- दी, आपककी गांड का छेद गुलाबी है, मुलायम है। कोई देख ले तो बिना चाटे और बिना आपकी गांड मारे नहीं रह सकता है।

मैं अजय से गांड मरवाना चाहती थी पर मुझे लगा कि अगर आज मैं अजय को अपने गांड के लिये प्यासा रखूंगी तो अजय जल्दी ही घर से लौट कर आयेगा और मेरी गांड मारेगा। मैं अजय से चूत मरवा रही थी और बोल रही थी- तेरा लंड को मेरी चूत को ही फ़ाड़ देता है, गांड का क्या हाल करेगा। मुझे नहीं मरवानी है गांड तुझसे।

अजय- दीदी, एक बार मारने दो ना प्लीज!
मैं- नहीं… पहले मेरी गांड को चाट कर दिखाओ।

अब अजय ने मेरी चूत से लंड निकाल लिया और मेरी गांड में जीभ लगा दी।
मैं- सी ई ई ई आअह्ह्ह आहह करके गांड चटवाने लगी और मेरा नशा अब ज्यादा बढ़ने लगा।
मैंने एक हाथ पीछे ले जाकर अजय के सिर पर रख दिया और उसके मुंह में अपनी गांड का छेद रगड़ रही थी।

मैं- आह्ह्ह आह्ह्ह चाट ले मेरे राजा, मेरी गांड बहुत टेस्टी है। और जोर से चाट जीभ घुसा कर… आह्ह्ह आहह अजय! जोर से प्लीज!

अजय मेरी गांड में दाँतों से काट रहा था और फिर जीभ को चूत में लगा कर गांड तक रगड़ रहा था।

मैं- उत्तेजना के सातवें आसमान पर चली गयी और अजय के मुंह को अपने चूत में लगा कर झड़ने लगी।
अजय मेरी चूत में जीभ डाल कर चूत का पानी चाट रहा था।

जब मैं पूरी तरह से झड़ गयी तो बिस्तर पर उल्टा ही लेट गयी और अजय भी मेरे ऊपर लेट कर मेरी चुचियों को मसल रहा था।
अजय- दीदी, मजा आया आपकी गांड को?
मैं नखरे दिखाते हुए- कोई मजा नहीं आया, जाओ तुम अपने घर!

अजय ने मेरे निप्पल्स को मसल दिया और बोला- आपकी गांड तो मारूँगा ही चाहे कुछ भी हो जाये।
मैं- एक शर्त है।
अजय- क्या?
मैं- मुझे ज्यादा दिन प्यासा नहीं रखोगे।
अजय- बिल्कुल दी, मैं खुद आपको चोदे बिना नहीं रह पाऊँगा।
मैं- ठीक है, अगर जल्दी आ गये तो गांड तुम्हारी… वरना भूल जाओ।
अजय- मुँह बनाता हुआ दूसरे कमरे में चला गया तैयार होने के लिये और मैंने भी अब नाईटी पहन ली।

शाम को 4 बजे अजय चला गया और मैं अकेले बैठ कर सोचने लगी कि अब क्या करुँ।
फिर मैंने चाय बनाई और टीवी देखने लगी।

समाप्त ।

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08 November 2016

भाई से चुदवाया बहाना बनाकर

भाई से चुदवाया बहाना बनाकर



हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शिखा है. में आज पहली बार इस साईट पर स्टोरी लिख रही हूँ और आज में बहुत हिम्मत करके अपने जीवन का सच लिखने जा रही हूँ. में शिखा 18 साल की हूँ और एकदम भरपूर हुस्न की मालकिन हूँ. मेरा रंग हल्का सांवला है. हमारे मोहल्ले के लड़के मुझे देखकर अपने लंड पर हाथ फेरने लगते है, मेरा फिगर 36-27-38 है. मैंने पहले अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स के खूब मज़े लिए है, लेकिन फिर वो पढाई करने के लिए बाहर चला गया और अब में यहाँ अकेली रह गयी हूँ. खेर ये तो मेरा परिचय था. मेरी फेमिली में हम 4 लोग है पापा, माँ, बड़ा भाई (पंकज) और में.

ये स्टोरी मेरी और मेरे भाई के बीच की है. में कॉलेज में Ist ईयर में पढ़ती हूँ और मेरा बड़ा भाई उम्र 21 साल है और वो IIIrd ईयर का स्टूडेंट है, वो दिखने में एकदम मस्त है और अच्छी बॉडी है. उसकी हाईट 5 फुट 6 इंच है. हम दोनों का कॉमन रूम है. हम आपस में बहुत लड़ाई करते रहते है और एक दूसरे को चिढाते रहते है माँ भी हमे डांटती रहती है.

फिर एक दिन में कॉलेज से लेट हो गयी और जब घर आई तो भाई पूछने लगा कि कहाँ गई थी? तो मैंने कहा कि फ्रेंड्स के साथ थी. फिर वो लड़ने लगा तो में भी चिल्ला पड़ी तो उसने मुझ पर हमला कर दिया और मुझको पकड़कर नीचे गिरा दिया. फिर मैंने भी उल्टा जवाब दिया और उसे गिरा दिया और उसके पेट के ऊपर बैठ गई, उस टाईम शायद उसका लंड खड़ा हो गया था और मेरी गांड की दरार में चुभने लगा था तो में समझ गयी थी, लेकिन मेरा हटने का मन नहीं कर रहा था और ये बात शायद भाई भी समझ गया था.

फिर उसने मुझे धक्का दिया तो में नीचे गिर गई और वो मेरे ऊपर आ गया, मेरे पैर खुले होने की वजह से उसका लंड मुझे सीधा चूत पर महसूस होने लगा, तो में झट से उसे धकेलकर वहाँ से जाने लगी. जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो भाई की पेंट में बहुत मोटा सा हिस्सा उभरा हुआ था, में सोच में पड़ गयी कि भाई का लंड कितना बड़ा होगा? उस दिन मैंने बाथरूम में जाकर अपनी पेंटी उतारी तो उसमें से ढेर सारा पानी निकाला, में सोच में पड़ गयी कि अपने सगे भाई को टच करते ही मुझे आज क्या हो गया है? और मुझे खुद पर शर्म भी आ रही थी और वो पल याद करके मज़ा भी आ रहा था. उस दिन मुझे बहुत खुजली हुई, लेकिन मैंने उस खुजली को अपनी चूत में उंगली से शांत कर लिया. फिर मैंने सोच लिया कि में भाई को गर्म करके देखूँगी अगर हो गया तो घर की बात घर में रहेगी और खुजली भी मिट जायेगी.

अब में भाई के सामने छोटे-छोटे कपड़े पहनने लगी और उसे अपने 36 साईज़ के बूब्स भी दिखाने लग गयी. वो भी मुझे गोर से देखता था, लेकिन ऐसे बर्ताव करता था जैसे उसने कुछ ना देखा हो. में अपनी मोटी गांड मटकाती थी और उसके सामने जानबूझ कर ऐसे चलती थी. एक दिन माँ पापा एक हफ्ते के लिए छुट्टी मनाने शिमला चले गये और हम दोनों परीक्षा की वजह से दिल्ली में ही रह गये. ये मेरे लिए एक गोल्डन चान्स था, मैंने इसके लिए एक प्लान बनाया और उसी के मुताबिक रात को छत से आते वक्त में सीढ़ियों से फिसल गयी और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाकर रोने लगी.

फिर पंकज दौड़ता हुआ आया और मुझे उठाकर पूछने लगा कि कही चोट तो नहीं लगी. तो मैंने बताया कि घुटने और कमर में मोच आ गई है, तो वो डॉक्टर के पास जाने के लिए कहने लगा, लेकिन मुझसे उठा नहीं गया तो मैंने कहा कि ऐसे ही ठीक हो जायेगा. फिर उसने मुझे दर्द की गोली दी और मुझे सुला दिया, लेकिन रात को 10 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने भाई को बुलाया और उसे मालिश करने के लिए कहा तो उसने हाँ कर दिया और किचन में तेल लेने चला गया.

मैंने उस दिन सूट और खुली वाली सलवार पहन रखी थी. फिर मैंने कहा कि मेरे घुटने और कमर की मालिश कर दे तो वो आकर मेरे पास बैठ गया. फिर मैंने अपनी सलवार को घुटने के ऊपर तक उठा लिया और भाई मालिश करने लगा तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा. फिर मैंने कहा भाई थोड़ा और ऊपर तक कर. फिर वो अपना हाथ मेरी जाँघ तक लाकर मालिश करने लगा, मैंने जब तिरछी नज़रो से देखा तो वो मेरी गांड को घूर रहा था और उसके पजामे में बहुत मोटा टेंट बना हुआ था. मेरी तो चूत टपकने लगी थी.

फिर में ऊपर कमर करके लेट गयी और उसे कमर की मसाज करने के लिए कहा तो वो तुरंत बोल पड़ा कि उसके कपड़े गंदे हो जायेंगे. तो मैंने कहा कि भाई पजामे को उतार दे और फिर मालिश कर. तो उसने सुनते ही अपना पजामा हटा दिया और मेरे पास आ गया. फिर मैंने अपना सूट और ब्रा स्ट्रिप्स तक हटा लिया और उसे इशारा किया. वो तो जैसे इस पल के लिए तड़प रहा था. फिर अपने हाथ में तेल लेकर मेरी कमर पर मलने लगा तो मेरे मुँह से आह्ह्ह निकल गई. तो उसने पूछा कि क्या हुआ? फिर मैंने कहा कि आराम मिल रहा है, भाई ऐसे ही कर. फिर वो अपना हाथ मेरी ब्रा तक लाने लगा और कहने लगा कि शिखा तेरी ये अटक रही ह

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